हाइड्रो का क्या कार्य है?

परिचय

हाइड्रो एक प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत है जो पृथ्वी पर पानी के रूप में पाया जाता है। नदियों, झीलों, समुद्र आदि में मौजूद बहते हुए पानी का उपयोग करके हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा पैदा की जाती है। यह एक नवीकरणीय, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत है।

हाइड्रो की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

1. पानी के बहाव का उपयोग करके बिजली पैदा की जाती है
2. यह एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है
3. इससे कोई प्रदूषण नहीं होता
4. यह सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा है
5. बांध बनाकर बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई की व्यवस्था की जा सकती है।

हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट

हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट में पानी की स्थितिज ऊर्जा का उपयोग करके विद्युत उत्पन्न की जाती है। इसमें पानी को ऊंचाई से नीचे गिराया जाता है, जिससे टरबाइनों को घुमाने के लिए आवश्यक शक्ति मिलती है। टरबाइन जेनरेटर से जुड़े होते हैं जो विद्युत उत्पन्न करते हैं।

हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के मुख्य घटकों में बांध, जलाशय, पेनस्टॉक, सुरंग, टरबाइन, जेनरेटर और ट्रांसफार्मर शामिल हैं। बांध पानी को रोकने का काम करता है। जलाशय में पानी इकट्ठा होता है। पेनस्टॉक में पानी को सुरंग तक पहुंचाया जाता है। सुरंग से पानी टरबाइन तक पहुंचता है जो चलकर विद्युत उत्पन्न करते हैं। अंत में, ट्रांसफार्मर विद्युत को उचित वोल्टेज के लिए समायोजित करते हैं।

बिजली उत्पादन

हाइड्रो पावर प्लांट में बिजली का उत्पादन बहते पानी की सहायता से होता है। पानी को ऊँचाई से गिराने से उसमें ऊर्जा आ जाती है। यह ऊर्जा टरबाइन को घुमाने के लिए इस्तेमाल की जाती है जिससे बिजली पैदा होती है। जितनी अधिक ऊँचाई से पानी गिरता है, उतनी ही अधिक बिजली पैदा होती है।

हाइड्रो पावर प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता नदी के बहाव और झरने की ऊँचाई पर निर्भर करती है। बड़े बांधों में अधिक मात्रा में पानी एकत्रित होने से वे अधिक बिजली पैदा कर सकते हैं। भारत में हाइड्रो पावर से लगभग 25% बिजली का उत्पादन होता है।

सिंचाई

हाइड्रो प्रोजेक्ट्स का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी प्रदान करना है। बांध बनाकर नदियों के पानी को इकट्ठा किया जाता है ताकि सूखे क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी भेजा जा सके। बांधों से पानी को नहरों और पाइपलाइन के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जाता है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है। हाइड्रो पावर इस क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभाता है।

बाढ़ नियंत्रण

हाइड्रो पावर परियोजनाएं बाढ़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बांध नदियों के प्रवाह को रोककर और अतिरिक्त जल को संग्रहित करके बाढ़ के खतरे को कम करते हैं। बांध मॉनसून के दौरान नदियों में आने वाले अधिक जल को संग्रहित कर लेते हैं और शुष्क मौसम में इसे धीरे-धीरे छोड़ते हैं। इससे नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा कम हो जाता है।

बिना बांध के, अधिक वर्षा के दौरान नदियाँ उफान पर आ जाती हैं और आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ से फसलों और संपत्ति को भारी नुकसान होता है। बांध इन हानियों को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार बाढ़ नियंत्रण में बांधों की बहुत अहम भूमिका होती है।

परिवहन

बड़े पैमाने पर पानी के उपयोग से हाइड्रो पावर प्लांट नौका यातायात और नाविक मार्गों के विकास में मदद कर सकते हैं। बांधों के पास बने झीलों और तालाबों से नदियों को नेविगेबल बनाया जा सकता है। यह नौकाओं और नावों के लिए एक व्यावहारिक परिवहन मार्ग प्रदान करता है।

भारत में कई नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा आदि पर हाइड्रो पावर प्लांट बनाने से इन नदियों के मार्ग में सुधार हुआ है। ये नदियाँ अब नौका विहार और माल ढुलाई के लिए उपयोगी हैं। यह आंतरिक जल परिवहन मार्गों का विकास करने में मदद करता है।

इस प्रकार, हाइड्रो पावर प्लांट न केवल बिजली पैदा करते हैं बल्कि परिवहन और नौवहन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मछली पालन

हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स के जलाशयों में मछली पालन किया जा सकता है। ये जलाशय मछलियों के लिए एक प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं। जलाशयों में कई प्रकार की मछलियाँ जैसे – कैटफिश, रोहू, मृगल, सिंघाड़ा आदि पाली जा सकती हैं। मछली पालन से स्थानीय लोगों को रोजगार और आय का साधन मिलता है। यह जलाशय के आस-पास के क्षेत्र में पोषण सुरक्षा में भी सुधार लाता है।

पानी के अन्य उपयोग

पानी का उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी किया जाता है। इस्पात, पेट्रोकेमिकल्स, पेपर आदि उद्योगों में पानी की आवश्यकता होती है। पानी का उपयोग कूलिंग और वॉशिंग के लिए भी किया जाता है।

पानी का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग पेयजल के रूप में होता है। घरेलू उपयोग, अस्पतालों, होटलों आदि में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए पानी की आपूर्ति और साफ़-सफाई बहुत महत्वपूर्ण है।

पर्यावरणीय लाभ

हाइड्रो पावर प्लांट एक हरित ऊर्जा स्रोत है। यह जीवाश्म ईंधन जैसे कि कोयला, तेल या गैस पर निर्भर नहीं होता है। इसके बजाय, यह प्राकृतिक जल प्रवाह का उपयोग करके बिजली पैदा करता है। इस प्रकार, हाइड्रो पावर CO2 उत्सर्जन या अन्य प्रदूषण पैदा नहीं करता है।

हाइड्रो पावर के उपयोग से कई पर्यावरणीय लाभ मिलते हैं:

  • हाइड्रो पावर GHG उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है जो वैश्विक वार्मिंग का कारण बनता है।
  • यह वायु प्रदूषण कम करता है क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन की तुलना में कम प्रदूषण पैदा करता है।
  • यह पानी की गुणवत्ता को सुधारने में मदद कर सकता है क्योंकि बांध और जलाशय प्रदूषकों को फिल्टर कर सकते हैं।
  • यह भूमि का उपयोग कम करता है क्योंकि इसे स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर खनन और जीवाश्म ईंधन संयंत्रों की आवश्यकता नहीं होती है।

इस प्रकार, हाइड्रो पावर का उपयोग स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सारांश

हाइड्रो पावर भारत में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ ऊर्जा है जो कि पर्यावरण के अनुकूल है। हाइड्रो पावर से विद्युत उत्पादन के अलावा, यह सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, परिवहन और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भविष्य में, हाइड्रो पावर की बड़ी संभावनाएं हैं। भारत सरकार नई हाइड्रो परियोजनाओं के विकास पर जोर दे रही है। हाइड्रो पावर के माध्यम से ग्रिड को बिजली प्रदान करने से भारत को अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हाइड्रो पावर का उपयोग करके हम एक स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

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