हाइड्रो पावर को हिंदी में क्या कहते हैं?

परिचय

हाइड्रो पावर एक प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा है जो पानी के बहाव से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करती है। हाइड्रो शब्द का अर्थ है पानी, इसलिए हाइड्रोपावर का मतलब है पानी की शक्ति। यह बिजली पैदा करने के लिए बहते पानी का उपयोग करती है।

हाइड्रो पावर संयंत्रों में बड़े बांध बनाए जाते हैं जिनमें पानी इकट्ठा होता है। इस बांध से पानी को एक सुरंग में छोड़ा जाता है जिससे पानी तेज़ी से बहता है। इस तेज़ बहाव वाले पानी की गतिज ऊर्जा का उपयोग टरबाइन चलाने के लिए किया जाता है जो विद्युत उत्पन्न करती है। इस प्रकार हाइड्रो पावर पानी की गतिज ऊर्जा से बिजली पैदा करती है।

इतिहास

हाइड्रो पावर का इतिहास काफी पुराना है। प्राचीन काल में भी लोग नदियों के पानी का उपयोग चक्कियों को चलाने और अनाज पीसने जैसे कामों के लिए करते थे। 19वीं शताब्दी में विद्युत उत्पादन के लिए हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर का व्यावसायीकरण हुआ।

1880 के दशक में पहली बार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशनों का निर्माण हुआ जिन्होंने विद्युत की आपूर्ति शुरू की। इसके बाद 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कई देशों में बड़े हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं का निर्माण हुआ।

प्रकार

हाइड्रो पावर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं:

बाँधों के माध्यम से

इसमें नदियों के बहाव को रोकने के लिए बांध बनाए जाते हैं। बांधों के पीछे जमा होने वाले पानी की संचित ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।

जलप्रपातों के माध्यम से

इसमें नदियों या झरनों के प्राकृतिक जलप्रपातों का उपयोग करके विद्युत उत्पादन किया जाता है। तीव्र गति से बहने वाले जल की गतिज ऊर्जा को टरबाइनों की सहायता से विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।

लहर ऊर्जा के माध्यम से

समुद्री लहरों और ज्वारभाटा प्रभाव का उपयोग करके भी विद्युत उत्पन्न की जा सकती है। लहरों की गतिज ऊर्जा को विशेष प्रकार के टरबाइनों की सहायता से विद्युत में बदला जाता है।

लाभ

हाइड्रो पावर के कई लाभ हैं:

1. प्राकृतिक और नवीकरणीय स्रोत – पानी एक प्राकृतिक संसाधन है जो बार-बार उत्पन्न होता रहता है, इसलिए हाइड्रोपावर एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

2. कम लागत – हाइड्रो पावर संयंत्रों का निर्माण लागत तेल, गैस और कोयले के पावर प्लांट की तुलना में कम होती है। इसके अलावा पानी की उपलब्धता नि:शुल्क है।

3. कम प्रदूषण – हाइड्रोपावर प्लांट से कोई हानिकारक उत्सर्जन नहीं होता। इससे वायु प्रदूषण नहीं होता।

4. रोजगार सृजन – हाइड्रो पावर परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

5. विद्युत की मांग को पूरा करना – हाइड्रोपावर द्वारा देश की बढ़ती विद्युत खपत की मांग को पूरा किया जा सकता है।

हानियां

हालांकि हाइड्रो पावर एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, इसके कुछ नुकसान भी हैं:

  • बांध बनाने से वहां के पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बांध नदी के प्राकृतिक प्रवाह को रोकता है, जिससे नदी तट के पारिस्थितिक तंत्र पर असर पड़ता है।
  • बांध बनाने से वहां के लोगों को पुनर्वासित करना पड़ता है।
  • सूखे मौसम में पानी की कमी हो सकती है।
  • बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
  • बांध टूटने का खतरा हमेशा बना रहता है।
  • प्रारंभिक लागत अधिक होती है।

इसलिए, हाइड्रो पावर परियोजनाओं को तैयार करते समय इन नुकसानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण उपायों को अपनाना चाहिए।

भारत में हाइड्रो पावर

भारत में हाइड्रो पावर का इतिहास काफी पुराना है। 1900 के दशक में भारत में पहली बार हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं की स्थापना की गई थी। उस समय ये परियोजनाएं मुख्य रूप से ऊर्जा के उत्पादन के लिए थीं। 1950 और 1960 के दशक में भारत सरकार ने कई बड़ी हाइड्रो पावर परियोजनाओं का निर्माण किया। ये परियोजनाएं भारत के विद्युतीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं।

वर्तमान में भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 25% हाइड्रो पावर से आता है। भारत में कई प्रमुख नदियों पर बड़े बांध बनाए गए हैं जैसे- भाखड़ा नंगल परियोजना, तेहरी परियोजना, नाथ्पा झाकरी परियोजना आदि। सरकार नई हाइड्रो पावर परियोजनाओं के विकास पर जोर दे रही है। हाल के वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। भविष्य में भी हाइड्रो पावर भारत के ऊर्जा क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा।

पर्यावरण पर प्रभाव

हाइड्रो पावर परियोजनाओं का पर्यावरण पर काफी प्रभाव पड़ता है। बांध बनाने से नदियों का प्राकृतिक प्रवाह बाधित होता है, जिससे नदी के निचले हिस्से में पानी की कमी हो सकती है। बांधों से जलजीवों और मछलियों के प्रवासन में बाधा आती है। इसके अलावा, बांधों के निर्माण से वनस्पति और जीव-जंतुओं के प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं।

हालांकि, हाइड्रो पावर अक्षय ऊर्जा स्रोत है और इससे पर्यावरण के लिए हानिकारक ईंधनों जैसे कोयले की आवश्यकता कम होती है। आधुनिक बांध अब पर्यावरण को न्यूनतम क्षति पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। फिर भी, हाइड्रो पावर के फायदों और पर्यावरण पर प्रभाव के बीच संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है।

भविष्य

हाइड्रो पावर का भविष्य उत्साहजनक दिख रहा है। वैश्विक ऊर्जा की मांग में वृद्धि और पर्यावरण की चिंताओं के मद्देनजर, हाइड्रो पावर एक स्वच्छ, सतत और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत के रूप में उभरा है। भारत सरकार ने 2022 तक हाइड्रो पावर की क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

नई हाइड्रो परियोजनाओं के लिए भारी निवेश की संभावना है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। पंप भंडारण प्रौद्योगिकी में प्रगति से पावर भंडारण क्षमता बढ़ेगी। नई तकनीकों से परियोजनाओं की लागत में कमी आएगी।

हालांकि, भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय चिंताएं चुनौतियां बनी रहेंगी। फिर भी, भारत 2050 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए हाइड्रो पावर पर अधिक निर्भर होगा।

निष्कर्ष

हाइड्रो पावर एक प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जा है जो जल के बहाव से बिजली पैदा करती है। यह स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा है क्योंकि इसमें ईंधन जलाने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन बांध बनाने से पर्यावरण और आदिवासियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फिर भी, हाइड्रो पावर भारत जैसे विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सस्ती बिजली उपलब्ध कराती है। इसलिए, हाइड्रो पावर का विकास करते समय पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों पर ध्यान देना चाहिए। इस प्रकार, हाइड्रो पावर का दोहन सतत विकास के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।

संदर्भ

हाइड्रो पावर पर और अधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित स्रोत उपयोगी हो सकते हैं:

– भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाइट। यहां भारत में हाइड्रो पावर परियोजनाओं और नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।

– विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “हाइड्रो पावर डेवलपमेंट इन इंडिया”। यह रिपोर्ट हाइड्रो पावर की संभावनाओं और चुनौतियों का एक विस्तृत विश्लेषण प्रदान करती है।

– भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा हाइड्रो पावर पर किए गए शोध। ये तकनीकी पहलुओं और नवीनतम अनुसंधान पर प्रकाश डालते हैं।

– सरकारी एजेंसियों जैसे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CERC) और भारतीय बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड (NHPC) की वेबसाइटें।

– प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हाइड्रो पावर पर लेख और समाचार।

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